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Date: Jun-18-2020

भारत में मेडिकल रिकार्ड्स की आवश्यकता
Importance of Medical Records in India


डॉ पुरुषोत्तम कुमार गर्ग / Dr. Purshottam Kumar Garg


भारत में या विश्व में, हर व्यक्ति के पास अपना मेडिकल रिकॉर्ड हो - एक संक्षिप्त रूप में हो, जिससे उनकी चिकित्सा देखभाल का पहला, और आगे का हिसाब पता लग सके | इस दृष्टि में एक बहुत ही उपयोगी प्रयास हम लेकर आए हैं - इसे चाहे आप ‘मेडिकल पासपोर्ट’ कहें या ‘मेडिकल कार्ड’ या ‘मेडिकल इंफॉर्मेशन कार्ड’ | वैसे तो यह बहुत ही आसान उपयोग है, लेकिन जनमानस में स्वीकार्य धीरे-धीरे होता है, इसलिए इस उपयोग के कार्यान्वयन में भी समय लगेगा | माननीय देवेंद्र गर्ग जी से बात करके हमें एहसास हुआ कि उपयोग ऐसा हो जो मौजूदा प्रणाली को सहयोग देते हुए उसे बेहतर बना दे |


समस्या - भारत में अधिकतर ऐसा होता है कि डॉक्टर पास मरीज का कोई मेडिकल रिकॉर्ड नहीं होता , बस उसका नाम लिखा होता है | अपॉइंटमेंट के समय, डॉक्टर मरीज को एक पर्चा या प्रिसक्रिप्शन लिखकर दे देते हैं, और अगले अपॉइंटमेंट में डॉक्टर मरीज से पूछते हैं - “अपनी फाइल साथ लाए हो?” अलग-अलग डॉक्टर मतलब नई-नई फाइल | काफी तो फाइल ही नहीं लाते, और कुछ जो लाते हैं उसको सही ढंग से देखने के लिए डॉक्टर के पास समय नहीं होता | और ना ही डॉक्टर के पास कोई फाइल है | तो पूरे देश में मरीजों की चिकित्सा सम्बन्धी जानकारी और विवरण का डाटा कैसे इकट्ठा होगा?


समाधान का प्रस्ताव- एक मरीज के लिए जो भी कागज़ात बने हुए है - चाहे डॉक्टर का पर्चा हो, या प्रिसक्रिप्शन, या कोई टेस्ट रिजल्ट - वह सब उस मरीज की एक फाइल में चले जाएं – जो है उसका ‘मेडिकल कार्ड’ | या तो स्कैन करके, या फ़ोन से फोटो खींच के, इन कागज़ात की फोटो उसके मेडिकल कार्ड में पंहुचा दी जाए | मरीज के मेडिकल कार्ड का एक ‘यूनिक आईडी नंबर’ हो | इस प्रकार से मरीज की एक ‘वैश्विक फाइल’ में सारे चिकित्सा सम्बन्धी कागज़ात इकट्ठे होते रहेंगे - जो उस ‘यूनिक आईडी नंबर’ के ज़रिये, कभी भी, कहीं से भी देखी जा सकती है |




इसको करने के लिए हमें -


1) हेल्थ कार्ड बनवाना पड़ेगा, जिसमें क्यू-आर कोड होगा |


2) एक वेबसाइट बनानी पड़ेगी, जिसमें क्यू-आर कोड स्कैन करें तो मरीज़ का नाम आ जाये |


3) मरीज के नाम के आगे एक ऐसा सिंबल हो जिसको दबाने से कैमरा शुरू हो जाये और हम कागज़ात की फोटो लेकर उसे अपलोड कर दें |


इस प्रकार धीरे-धीरे मरीज की फाइल में उसके सारे चिकित्सा सम्बन्धी कागज़ात फोटो के रूप में जमा होते रहेंगे | डॉक्टर का ‘एग्जिट रिसेप्शनिस्ट’ फोटो खीचनें का काम कर सकता है| जो डॉक्टर इसमें सहयोग दें उनको अच्छी रेटिंग भी मिलेगी | हर कागज़ात के नीचे मरीज और डॉक्टर दोनों अपने कमेंट लिख सकते हैं | मरीज भी डॉक्टर को रेटिंग दे सकता है |


इस विचार के बारे में आपका क्या सुझाव है, मुझे अवगत कराएं |


टिप्पणी द्वारा - प्रमोद मित्तल


सहमत हूँ !! ऐक छोटा सा विचार आया कि अगर यह प्रक्रिया सम्मानित doctors से ही शुरू कीं जाये तो शीघ्र और ज़्यादा प्रभावकरी होगी !!


टिप्पणी द्वारा - डॉ। पुरुषोत्तम कुमार गर्ग


डॉक्टर को सेटअप में थोड़ा सा खर्चा करना पड़ेगा – जैसे, उसको एक लैपटॉप या डेस्कटॉप की व्यवस्था करनी पड़ेगी जिसमें की हमारा वेब-ऐप खुला रहे | कुछ डॉक्टर इसको करने के लिए तैयार हो जाएंगे, अधिकतर इसमें शुरू-शुरू में हिचक दिखाएंगे | परंतु सरकारी स्कूलों में हम 23 जून को शुरू कर सकते हैं | हमें वहां अनुदान देना पड़ेगा, तथा हमारे सेवा-सैनिक कुछ काम करेंगे | यदि हम ऐसी व्यवस्था कर दें जिसमें मरीज़ खुद ही अपने सेल-फोन से कागज़ात की फोटो लेकर उसे अपलोड कर दे तो बहुत अच्छा | क्यू-आर कोड के इस्तेमाल से कोई भी सेल फ़ोन एक स्कैनिंग-डिवाइस में परिवर्तित हो जायेगा |



अन्य सम्बंधित जानकारी





In India as in the world, every person should have a medical record - in a concise form, to ease the assessment of their medical care and future requirements. In this regard, we introduce a very practical measure – you can call it a ‘medical passport’, or a ‘medical card’, or a ‘medical information card’. Although this measure is quite easy and practical, its implementation may take time because the public takes time to accept new mechanisms. After talking to honorable Mr. Devendra Garg, we felt that this mechanism should be such that it improves the existing system by complimenting it.


Problem – In India, it often happens that a doctor has no medical record of the patient, only their written name. During an appointment, the doctor gives a bill or prescription letter to the patient, and in the next appointment, the doctor asks the patient, “Did you get your file?” Every new doctor issues a new file. Most patients do not carry this file along when they visit a doctor, and in many cases the doctor doesn’t even have the time to carefully read these files. Neither does the doctor store any such file of the patient. Then how can we collect the data regarding the history of medical records of patients in the entire country?


Suggested solution – All the medical related documents of a patient – bill, prescription or test result – should go into a single file – called his/her ‘medical record’. Either by clicking a photo using a phone, or by scanning - a photo of these documents should be uploaded into the medical record of the patient. The medical record of a patient should have a ‘unique ID number’. In this way, the patient will have a ‘global file’ which will include all his/her medical related documents – which can be accessed anytime, from anywhere using the ‘unique ID number’.


For this, we will need to –


1) Make a health card which will have a QR code.


2) Make a website which shows up the patient’s name when we scan the QR code.


3) The patient’s name has a symbol in front of it – when this symbol is pressed, the camera starts and allows us to upload the photo of the medical document.


In this way, photos of all the medical documents of a patient will get stored a file. A doctor’s exit receptionist can perform the work of clicking these photos and uploading them. Doctors who cooperate in this regard will get a good rating. The patient and the doctor can leave their comments under every document photo. The patient can also give rating to the doctor. If you have any pinion or suggestion on this idea, please share it with me.


Suggestion by – Pramod Mittal


I agree!! A small idea, if we start this process with respectable doctors, then the implementation will be faster and more effective!!


Suggestion by – Dr. Purshottam Kumar Garg


The doctor will have to invest a small amount in the set-up – example, he/she will have to arrange for a laptop or desktop in which our web-application remains open. Some doctors will agree to do this, but most will show reluctance. But we can start in government schools by 23 June. We will have to provide a small grant, and our Seva Sainiks will also help in the work. It will be better if we can set-up a structure where the patient himself/herself clicks the photo and uploads it. By using a QR code, any cell-phone will get converted into a scanning device.


Other Related Information –


Copywrite@: Swasthya Sevak Sangh
Useful Links: NGO


Seva Sena


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Telemedicine


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Medical Triage


Medical Record


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